भाग्य साहसी मनुष्य की सहायता करता है। -वर्जिल
मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं ही निर्माता है। -स्वामी रामतीर्थ
मृत अतीत को दफना दो, अनंत भविष्य तुम्हारे सामने है और स्मरण रखो कि प्रत्येक शब्द, विचार और कर्म तुम्हारे भाग्य का निर्माण करता है। -विवेकानंद
सौभाग्य दरवाजा खटखटाता है और पूछता है - "क्या समझदारी घर में मौजूद है ?"
भाग्य पर वह भरोसा करता है, जिसमें पौरुष नहीं होता। -प्रेमचंद
भाग्यचक्र लगातार घूमा करता है, कौन कह सकता है कि आज मैं उच्च शिखर पर पहुँच जाऊंगा। -कन्फ्यूशस
भाग्य के भरोसे बैठे रहने पर भाग्य सोया रहता है, और साहसपूर्वक खड़े होने पर भाग्य भी उठ खड़ा होता है।
ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है।
अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है॥ -रामधारी सिंह दिनकर
प्रत्येक व्यक्ति का भाग्य एक बार अवश्य उदय होता है। यह बात अलग है कि वह उसका कितना लाभ उठाता है। -भृगु
Fortune must kisses everyone. How it is used is a different issue. - Bhrigu
ईश्वर या प्रारब्ध या भाग्य को कोसने से कोई लाभ नहीं क्योंकि अपने को अपमान और लांछना की स्थिति में ला पटकने की सारी जिम्मेदारी हमारी है। - सुभाषित
It is no use to curse God, destiny or luck, none but we are responsible to throw ourselves in indignity and contempt.
अपने पुरुषार्थ से अर्जित ऐश्वर्य का ही दूसरा नाम सौभाग्य है।
जो कुछ भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है। ईश्वर के पास हमेशा एक बेहतर योजना होती है।
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