Sunday, July 13, 2008

मनुष्य Human being

मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है। -अग्नि पुराण

वह मनुष्य बड़ा भाग्यवान है जिसकी कीर्ति उसकी सत्यता से अधिक प्रकाशमान नहीं है। -रविन्द्र

बड़े भाग्य मानुष तन पावा।
सुर दुर्लभ सद्ग्रंथन गावा॥
साधन धाम मोक्ष कर द्वारा।
पाय न जेहि परलोक संवारा॥
-रामचरितमानस


अपनी औकात कभी मत भूलो। -अरस्तु


उदारता मनुष्य का श्रेष्ठ गुन है। -चार्वाक

आठ चक्रों और नौ द्वारों से युक्त हमारी यह देहपुरी एक अपराजेय देवनगरी है। इसमे एक हिरण्यमय कोष है, जो ज्योति और आनंद से परिपूर्ण है। - अथर्ववेद 


आप कुछ भी कर पाने में सक्षम हैं चाहे वह आपकी सोच हो, आपका जीवन हो या आपके सपने हों, सब सच हो सकते हैं . आप जो चाहें वह कर सकते हैं. आप इस अनंत ब्रह्माण्ड की तरह ही अनंत संभावनाओं से परिपूर्ण हैं. - शेड हेल्म्स्तेटर 

We are not creatures of circumstances, we are creators of circumstance. - Benjamin Disraeli

2 comments:

parmod kumar said...

मनुष्य केवल एक युक्ति मात्र है वह जो भी करता है अपने जीवन काल मैं वह सब एक शक्ति परमात्मा के अनुसार ही होता है वही एक है जो सब से क्रिया करता है और मनुष्य को लगता है की वो उसने किया है चाहे वो सफलता हो या असफलता

प्रमोद राठौर

sonu chhaunkar said...

formal education will make you a living; self education will make you a fortune.