धन अच्छा सेवक है, परन्तु ख़राब स्वामी भी है।
एक बार सिकंदर से पूछा गया कि तुम धन क्यों एकत्र नहीं करते? तब उसका जवाब था कि इस डर से कि उसका रक्षक बनकर कहीं भ्रष्ट न हो जाऊं।
एक बार सिकंदर से पूछा गया कि तुम धन क्यों एकत्र नहीं करते? तब उसका जवाब था कि इस डर से कि उसका रक्षक बनकर कहीं भ्रष्ट न हो जाऊं।
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