जो ख़ुद को छोटा बताते हैं, वही आगे चलकर महान बनते हैं और जो ख़ुद को महान बताते हैं, वे छोटे बन जाते हैं।
कीचड़ में कमल होता है। बुरे से ही अच्छाई का जन्म होता है। - सुभाषित
कमल खिलता है तो भँवरे आते ही हैं। गुण है तो प्रशंसक आयेंगे ही। - चाणक्य
एक छोटा सा कण भी शक्ति रखता है। -चाणक्य
उदित होते हुए सूर्य को सभी नमस्कार करते हैं। -चाणक्य
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