Sunday, July 13, 2008

वक्त

आप वक्त को बदल नहीं सकते इसलिए ख़ुद को बदलने की कोशिश करें, वक्त आपके अनुकूल हो जाएगा।
हर दिन, हर सुबह एक नया उजाला, नया संदेश लेकर आता है।
हर दिन एक मित्र के रूप में अनेक उपहार लेकर आता है। तुम उसका स्वागत न कर सको तो वह प्रतीक्षा करके अपने समस्त उपहारों को वापास लेकर चला जाता है। छोटे से इस जीवन में हर दिन का स्वागत करें ताकि प्रभु के उपहारों से सजकर आपका जीवन उत्सव बने और आप भाग्यशाली बने।
जिंदगी में जब सौभाग्य का सूर्य छिपने लगता है तो दुनिया के सब दरवाजे बंद हो जाते हैं, लेकिन एक दरवाजा ऐसा है जो कभी बंद नही होता। वह है परमपिता परमात्मा का दर। उससे अपना रिश्ता जोड़े रखना चाहिए, उसके कान चींटी की आवाज भी सुनते हैं। वह गूंगे की भाषा भी समझता है। उसे ह्रदय से पुकारो, वह सुनेगा जरुर। -स्वेट मार्डेन
जो वक्त की कदर करता है, वक्त उसकी क़द्र करता है लेकिन वक्त को बेकार मत जाने दो।

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