Monday, August 11, 2008

विवेक Wisdom

एक ही बात भली बन आई,
जग में कहायो तेरो चेरो॥



बिसरि गई
सब ताति पराई, जब ते साध संगत मोहि पाई।

ना को बैरी न कोई बेगाना, सगल संग हमरी बन आई॥
-गुरु नानक देव
रोग, शत्रु और कर्ज अपने आप बढ़ते हैं। इन्हें तुंरत जड़ से ख़त्म कर देना चाहिए।

Change your thoughts and you change your world।

मंदिर से, तीर्थ से, यात्रा से
हर पग से, हर साँस से
कुछ मिलेगा, अवश्य मिलेगा
पर उतना ही जितने का तू है अपने भीतर से दानी. 
-अज्ञेय 




तुलसी ममता राम सों, समता सब संसार।
राग न रोष न दोष दुःख, दास भये भव पार
- तुलसीदास 






Love people and use things.
Not love things and use people.

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