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Saturday, July 26, 2008

माया Illusion

कोई बिरला ही जानता है कि माया और छाया एक-सी हैं। भागते के पीछे फिरती हैं और जो पीछे पड़ता है उसके आगे भागती हैं। - कबीरदास

जो मिथ्या है वह सत्य लगता है और जो सत्य है वह मिथ्या लगता है। - समर्थ गुरु रामदास


माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि ईवै पडंत।
कहै कबीर गुरु ज्ञान ते, एक आध उबरंत॥ - कबीरदास


अति प्रचंड रघुपति कै माया। जेहि न मोह अस को जग जाया॥ - गोस्वामी तुलसीदास

सुरनर मुनि कोऊ नहीं, जेहि न मोह माया प्रबल।
अस विचारी मन माहीं, भजिय महा मायापतिहीं॥ - गोस्वामी तुलसीदास

देव दनुज मुनि नाग मनुज सब माया विवश बिचारे।
तिनके हाथ दास तुलसी प्रभु कहा अपनपो हारे॥ - गोस्वामी तुलसीदास

माया सत् और असत् से विलक्षण है, अनादि है और सदा ही परमात्मा के आश्रय में रहने वाली है। यह त्रिगुणात्मिका माया ही चराचर जगत को उत्पन्न करती है। - स्वामी शंकराचार्य


ईश्वर सर्वभूतानाम हृदेशेऽर्जुन तिष्ठति।
भ्रामयन सर्वं भूतानि यंत्रारूढ़ा मायया॥ - श्रीमद्भागवत गीता 
[श्रीकृष्ण कहते हैं - हे अर्जुन! ईश्वर सब प्राणियों के हृदय में रहता है और अपनी माया से सब जीवों का इस प्रकार संचालन करता है मानो वे यन्त्र पर सवार हों।]



This world is illusion, but problems are real! - Vijay

Friday, July 25, 2008

ठगना, Cheating

कबीरा आप ठगाइए, और न ठगिये कोय।
आप ठगे सुख ऊपजे, और ठगे दुःख होय॥

It is better to be cheated than to cheat others, says Kabir. Comes happiness if cheated and it gives pain to cheat others.

Sunday, July 13, 2008

धैर्य Patience ...

जैसे सोना अग्नि में चमकता है, वैसे ही धैर्यवान आपदा में दमकता है।

संयम और परिश्रम मनुष्य के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं।


जिसके पास धैर्य है उसे उसका फल अवश्य मिलता है। - फ्रैंकलिन


धीर गंभीर कभी उबाल नहीं खाते। - चाणक्य

कबिरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय।
टूक एक के कारने, स्वान घरै घर जाय॥ - कबीर


नीति निपुण निंदा करें या प्रशंसा करें, लक्ष्मी आए चाहे चली जाय, मृत्यु चाहे आज ही हो जाए, चाहे एक युग के बाद, परन्तु धीर पुरूष न्यायमार्ग से एक पग भी विचलित नहीं होते। - भर्तृहरी


विकार हेतो सति विक्रियन्ते येषां न चेतांसि त एव धीराः ।
वास्तव में वे ही पुरूष धीर हैं जिनका मन विकार उत्पन्न करने वाली परिस्थिति में भी विकृत नहीं होता। - कालिदास


जिसे धीरज है और जो श्रम से नहीं घबराता है, सफलता उसकी दासी है।


धीरज सारे आनंदों और शक्तियों का मूल है। - जॉन रस्किन