सुंदरता तो देखने वालों की आँखों में होती है।
सुन्दर काया कुछ समय के लिए रहती है, परन्तु सुन्दर व्यक्तित्व जीवनपर्यन्त रहता है।
सुन्दर व्यक्ति हमेशा अच्छे नहीं होते पर अच्छे व्यक्ति हमेशा सुन्दर होते हैं।
आतंरिक सुंदरता को किसी बाह्य श्रृंगार की आवशयकता नहीं होती।
बाहरी सुंदरता आँखों को आकर्षित करती है,जबकि आतंरिक सुंदरता हृदय को आकर्षित करती है।
लोग किसी भी अपरिचित को सबसे पहले व्यक्ति को बाहरी सुंदरता के आधार पर ही जांचते हैं। अधिकतर लोग बाहरी कवर आकर्षक लगने पर ही किताब खोलकर देखते हैं। कवर अच्छा न हो तो लोग यह जानने का कष्ट ही नहीं करते की पुस्तक की सामग्री कितनी सशक्त और सुन्दर है।
सुन्दर काया कुछ समय के लिए रहती है, परन्तु सुन्दर व्यक्तित्व जीवनपर्यन्त रहता है।
सुन्दर व्यक्ति हमेशा अच्छे नहीं होते पर अच्छे व्यक्ति हमेशा सुन्दर होते हैं।
आतंरिक सुंदरता को किसी बाह्य श्रृंगार की आवशयकता नहीं होती।
बाहरी सुंदरता आँखों को आकर्षित करती है,जबकि आतंरिक सुंदरता हृदय को आकर्षित करती है।
लोग किसी भी अपरिचित को सबसे पहले व्यक्ति को बाहरी सुंदरता के आधार पर ही जांचते हैं। अधिकतर लोग बाहरी कवर आकर्षक लगने पर ही किताब खोलकर देखते हैं। कवर अच्छा न हो तो लोग यह जानने का कष्ट ही नहीं करते की पुस्तक की सामग्री कितनी सशक्त और सुन्दर है।
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