Wednesday, June 22, 2011

धर्म (Dharm) Religion

जो दृढ राखे धर्म को, 
       नेहि राखे करतार. 

जहाँ धर्म नहीं, वहां विद्या, लक्ष्मी. स्वास्थ्य आदि का भी अभाव होता है. 
धर्मरहित स्थिति में बिलकुल शुष्कता होती है,  शून्यता होती है. - महात्मा गाँधी 

पर हित सरिस धर्म नहिं भाई. 
पर-पीड़ा सम नहिं अधमाई. 
- संत तुलसीदास 


मनुष्य की धार्मिक वृत्ति ही उसकी सुरक्षा करती है. - आचार्य तुलसी 

धर्मो रक्षति रक्षतः - महाभारत 
अर्थात मनुष्य धर्म की रक्षा करे तो धर्म भी उसकी रक्षा करता है. 

धार्मिक व्यक्ति दुःख को सुख में बदलना जानता है.  - आचार्य तुलसी 

धार्मिक वृत्ति बनाये रखने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं हो सकता और 
धार्मिक वृत्ति को खोने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता.  - आचार्य तुलसी 

प्रलोभन और भय का मार्ग बच्चों के लिए उपयोगी हो सकता है. लेकिन सच्चे धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में कभी लाभ हानि वाली संकीर्णता नहीं होती. -  आचार्य तुलसी  

4 comments:

jokesmantra said...

Really Nice..

sandeep parwani said...

dharm hi maanav jeevan ko safal banane ka ek.matr rasta hai

sandeep parwani said...

dharm maanav jeevan ko safal karne ka ek matr rasta hai

sandeep parwani said...

dharm hi maanav jeevan ko safal banane ka ek.matr rasta hai